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हम आम तौर पर महाभारत (Mahabharat) को लड़ाईयों के लिए ही जानते हैं। यहाँ तक कि महाभारत शब्द का प्रयोग भी लड़ाई के पर्यायवाची के रूप में भी करते हैं। लेकिन आज हम आपको बता रहे हैं महाभारत (Mahabharat) की कुछ प्रेम कहानियाँ.

1. शांतनु और सत्यवती Mahabharat

इन दोनों के प्रेम के कारण ही भीष्म पितामह को आजीवन कुंवारा रहने की प्रतिज्ञा लेनी पड़ी थी. सत्यवती एक मछुवारे की बेटी थीं जबकि शांतनु हस्तिनापुर के महाराज थे. लेकिन सत्यवती की खूबसूरती देखकर राजा शांतनु प्रेम में पड़ गए. बाद में इन दोनों लोगों को भीष्म पितामह ने मिलाया था.

2. अम्बा और शाल्व
इनकी कहानी थोड़ी नाटकीय है. दरअसल काशी की राजकुमारी अंबा और राजा शाल्व के बीच गुपचुप प्रेम चल रहा था. इसे स्थायी बनाने के लिए अम्बा शाल्व को स्वयंवर में अपना पति चुनने वाली थीं. लेकिन भीष्म पितामह ने उनका हरण कर लिया. जब उन्हें उनके प्रेम संबंधों का पता चला तो उन्होंने दोनों को मिलाने की कोशिश की लेकिन शाल्व ने हरण की हुई कन्या से विवाह करने से इंकार कर दिया.

3. महाभारत (Mahabharat) की अनोखी प्रेम कथा
और बात उस कहानी की जो शायद दुनिया की श्रेष्ठतम कहानियों में से एक है. वो है राधा-कृष्ण की. इस कहानी का तो शब्दों में विस्तार से वर्णन कर पाना नामुमकिन है. इतना समझ लीजिए कि ये दो शारीर एक जान थे. ये दोनों एक दुसरे के प्यार में खोकर एक हो गए थे. इसीलिए इन दोनों के प्रेम को सांसारिक दुनिया से परे माना गया है.

4. रुक्मिणी और कृष्ण Mahabharat
कृष्ण को योगी भी कहा गया है. इसीलिए क्योंकि ये एक साथ कई काम कर सकते थे. कहा जाता है कि ये सभी गोपियों के पास एक साथ होते थे. आपको भी पता होगा कि कृष्ण की शादी विदर्भ के राजा भीष्मक की पुत्री रुक्मिणी से हुई थी. पारिवारिक मुश्किलों के बावजूद इन दोनों का मेल हुआ और दोनों ने विवाह रचाया.

5. अर्जुन और सुभद्रा
अब बात करते हैं अर्जुन और सुभद्रा की. आपको शायद पता न हो लेकिन सुभद्रा कृष्ण की बहन थीं. अर्जुन इन्हें बहुत पसंद थे लेकिन कृष्ण के बड़े भाई बलराम इस विवाह के पक्ष में नहीं थे. वो सुभद्रा की शादी अपने शिष्य दुर्योधन से कराना चाहते थे. इसलिए कृष्ण ने अर्जुन को उकसाकर सुभद्रा का हरण करा दिया. तब जाकर दोनों का मेल हुआ.

6. हिडिम्बा और भीम
ये कहानी भी थोड़ी फ़िल्मी है. राक्षसी हिडिम्बा को भीम भा गए इसलिए उसने माँ कुंती से प्रणय निवेदन किया जिसे कुंती ने अस्वीकार कर दिया. हिडिम्बा का भाई भी इसके खिलाफ था. उसने भीम समेत पांडवों पर हमला कर दिया. तब हिडिम्बा ने इनकी रक्षा की. इससे खुश होकर कुंती ने एक लड़का होने तक भीम और हिडिम्बा को साथ रहने की अनुमति दे दी.

7. उलूपी और अर्जुन
अर्जुन की भी कई शादियाँ हुयीं थीं. एक घटना है कि मर्यादा भंग करने के कारण वनवास काटते अर्जुन को देखकर नाग कन्या उलूपी उनपर मोहित हो गई. इसलिए उन्हें अचेत करके नागलोक ले गई और वहां दोनों ने शादी कर ली. दूसरी घटना भी अर्जुन के प्रेम विवाह की है. मणिपुर की राजकुमारी चित्रांगदा के साथ भी अर्जुन ने शादी की थी. जिससे बभ्रुवाहन नामक एक पुत्र भी प्राप्त हुआ था.

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