Culture

महिलाओं के 16 श्रृंगारों में बिंदिया (Bindiya) का ख़ास महत्व है

Pinterest LinkedIn Tumblr
महिलाओं के 16 श्रृंगारों में बिंदिया (Bindiya) का ख़ास महत्व है. ज्यादातर लोग इसे सिर्फ महिलाओं के सौन्दर्य बढ़ाने से जोड़कर देखते हैं. लेकिन बिंदी सिर्फ सौंदर्य ही नही बढ़ाती बल्कि स्वास्थ्य के लिये भी बहुत लाभकारी होती है.
बिंदिया (Bindiya)
चेहरे के मसल्स को मजबूत करती है. जिससे कर झुर्रियों का आना कम होता है. बिन्दी लगाने से ये चेहरे के मसल्स में रक्त का प्रवाह बढ़ता है. इससे मसल्स लचीले होते हैं और झुर्रियां कम होती हैं.

भौंह के बीच की लाइन को कम करती है. इसको लेकर बहुत सारे प्रॉबल्म होते हैं जो मसाज करने पर कम हो जाते हैं.

#
एकाग्रता के केंद्र- बिंदी को दो भौंह के बीच लगाया जाता है. जहां शरीर के सभी नसें एक जगह मिलते हैं. इसको अग्नि चक्र कहते हैं. बिन्दी लगाने से मन शांत और तनाव कम होता है.

#
एक्यूप्रेशर के अनुसार माथे के इस बिन्दु को मसाज करने से सिरदर्द से तुरन्त राहत मिलती है. क्योंकि इससे नसों और रक्त कोशिकाओं को आराम मिलता है.

#
इस प्वाइंट को मसाज करने पर रक्त का संचालन नाक के आस-पास अच्छी तरह से होने लगता है. जिससे साइनस के कारण सूजन कम हो जाता है. और बंद नाक खुल जाता है.

#
भौंह के बीच का ये हिस्सा बेहद संवेदनशील होता है. तनाव होने पर हमारा यही हिस्सा दुखता है. बिंदी इसको शांत करके क्षति को पूर्ण करने में मदद करती है.

#
बिंदी लगाने से चेहरा, गर्दन, पीठ और शरीर के ऊपरी भाग के मसल्स को आराम मिलता है. जिससे अनिद्रा की बीमारी से राहत मिलती है.

#
इस प्वाइंट को मसाज करने से चेहरे के नसें उत्तेजित हो जाती हैं. और इस बीमारी के लक्षणों से राहत मिलती है. आयुर्वेद में इसको ‘शिरोधरा’ कहते हैं. इसमें 40-60 मिनट तक मेडिकेटेड ऑयल को कपाल के इस बिन्दु में मसाज किया जाता है.

#
माथे के मध्य का ये केंद्रबिन्दु की नसें आँखों के मांसपेशियों से संबंधित होते हैं. जो अगल-बगल देखने और स्पष्ट देखने में मदद करती हैं.

#
जो नस चेहरे के मसल्स को उत्तेजित करती है, वह कान के भीतर के मसल्स से सुदृढ़ करके कान को स्वस्थ रखने में मदद करती है.

Write A Comment