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Tirumala Tirupati

तिरुमला तिरुपति न केवल धनी मंदिर है, बल्कि इसका एक अनोखा इतिहास भी रहा है. तारीफ़ मंदिर प्रशासन कि भी करनी चाहिए कि उन्होंने अपने विरासत को बखूबी संभाला है. जानिए सबसे अमीर मंदिर (Temple) तिरुमला तिरुपति के विश्व प्रसिद्ध लड्डू का इतिहास.

1. बात लड्डू के प्रसाद की
मंदिर तिरुमला तिरुपति के विश्व प्रसिद्ध लड्डू के प्रसाद को पाना आसान काम नहीं है. यहां के पहले दो लड्डुओं की क़ीमत रियायती दर पर 10 रुपए प्रति लड्डू है.ग्राहकों को दूसरे दो लड्डू 25 रुपए प्रति लड्डू के हिसाब से मिलता है.

2. मिलता कैसे है?
ये लड्डू पाने के लिए आपको लंबी कतार में खड़े होकर हाईटेक कूपन लेना होता है. इसमें सुरक्षा कोड और बायोमेट्रिक विवरण जैसे, चेहरे को पहचानना वगैरह मौजूद होते हैं. इसके बाद कार्यकर्ता एक-एक टिकट की वैधता और लौटाए गए पैसे की जांच करते हैं. तब जाकर कहीं जाकर आपको इस लड्डू को पाने की इजाज़त मिल पाती है.

4. बनता कैसे है?
लड्डू के इस प्रसाद को चने के बेसन, मक्खन, चीनी, काजू, किशमिश और इलायची से बनाया जाता है. इस लड्डू को बनाने का तरीका तीन सौ साल पुराना है. जो कि एक राज़ है. सिर्फ कुछ रसोइयों को ही इसे बनाने का सम्मान और ज़िम्मेदारी दी गई है. वे इसे मंदिर के गुप्त रसोईघर में तैयार करते हैं. इस रसोईघर को ‘पोटू’ कहते हैं. यहां हर दिन तीन लाख लड्डू तैयार होते हैं.

5. वजन भी फिक्स है
लड्डू की अवैध बिक्री को रोकने के लिए इन उच्च सुरक्षा मापदंडों को अपनाया गया है. लड्डू को एक तय मानक के हिसाब से तैयार किया जाता है. सभी लड्डू देखने में एक जैसे होते हैं. यहां तक कि उनका वजन भी तय होता है. जब उसे कड़ाही से निकालकर गर्मागर्म तैयार किया जाता है तब उसका वजन 178 ग्राम होना चाहिए और ज्योंही यह ठंडा होगा इसका वजन कम होकर 174 ग्राम हो जाएगा.

6. क्यों मिला है जियोग्राफिकल इंडिकेटर
साल 2009 में तिरुपति के लड्डू को भौगोलिक संकेत या जियोग्राफिकल इंडिकेटर दे दिया गया था. इसका अर्थ ये है कि कोई चीज़ किसी जगह विशेष से जुड़ जाती है. दूसरे जीआई टैग हासिल पदार्थ, जैसे शैम्पेन और दार्जिलिंग चाय की तरह इस लड्डू की भी दूसरे लोग नकल नहीं कर पाएंगे.

7. अनोखा है मंदिर (Temple) का रसोईघर
इस मंदिर के पास दुनिया का सबसे बड़ा रसोईघर है. इसमें करीब सवा लाख तीर्थयात्रियों के लिए हर दिन खाना बनता है. इसमें 1100 से ज्यादा कर्मचारी दिन-रात तीर्थयात्रियों के लिए नास्ता, दिन का खाना और रात का खाना बनाने में जुटे रहते हैं.

8. रसोई घर का सामान भी कम नहीं है
इस रसोईघर की हर चीज़ विशालकाय है. सब्जी बनाने वाले एक बर्तन में एक बार में सौ किलो सब्जी पकाई जाती है. यहां मौजूद स्टील के एक बड़े कंटेनर में एक हज़ार लीटर सब्जी रखी जा सकती है.

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